किसानों के खून पसीने की मेहनत पड़ी खुले आसमान के नीचे...

किसानों के खून पसीने की मेहनत मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी है। ऐसे में सरकार भले ही धान की खरीद की बात कह चुकी है लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावों के विपरीत है। आज हमने अंबाला शहर और अंबाला छावनी की मंडियों का जायज़ा लिए तो किसानों का गुस्सा खुलकर सामने आया। किसानों का आरोप है कि मंडी में अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई है। वहीं अधिकारी खरीद को लेकर विभिन्न एजेंसियों पर बात डालते नजर आए।

किसानों के खून पसीने की मेहनत पड़ी खुले आसमान के नीचे...

अम्बाला (अंकुर कपूर) || किसानों द्वारा दो दिन पहले धान की खरीद न होने को लेकर अनाज मंडी अंबाला में धरना प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद सरकार ने दावा किया था कि धान की फसल की खरीद शुरू हो चुकी है , लेकिन जब हमने अंबाला की अनाज मंडी का जायजा लिया तो वहां धरातल पर तस्वीरें ये है कि धान की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी है लेकिन अभी तक उसकी खरीद शुरू नहीं हुई है।  अपनी फसल को मंडी में बेचने आए किसानों ने बताया कि पिछले कई दिनों के उनकी फसल मंडी में पड़ी खराब हो रही है , लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।  किसानों ने सरकार के ऊपर किसानों को बेवकूफ़ बनाने के आरोप लगाए और कहा के सरकार के सारे दावे झूठे और खोखले है। वहीं अंबाला सिटी मार्किट कमेटी के अधिकारी ने बताया कि फसल की खरीद एजेंसी द्वारा की जाती है और अभी धान की फसल की खरीद शुरू नहीं हुई है जब भी कोई एजेंसी फसल की खरीद के लिए आएगी उनकी तरफ से काम शुरू कर दिया जायेगा। 

तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किस तरह किसान अपनी पेडी लेकर अंबाला छावनी की अनाज मंडी में बैठे सरकारी खरीद की इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी पिछले 9 दिनों से पेड़ी की खरीद करने के लिए नहीं आया है । किसानों का कहना है कि सरकार उन से झूठे वायदे करती है लेकिन उन्हें उनकी पेडी को खरीदने के लिए कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नजर नहीं आ रहा है। किसानों का कहना है कि पेडी बेचने के लिए वह पिछले 9 दिनों से मंडी में बैठे हैं और मंडी में ना ही पानी है और ना ही चाय की कोई व्यवस्था गई है और इसी के साथ-साथ किसानों के बैठने के लिए भी यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। यहां बैठे एक किसान का कहना है कि पेडी बेचने के लिए इंतजार करते उनकी आंखें थक गई है और उन्हें बुखार तक आ गया है लेकिन कोई पूछने नहीं आ रहा है यदि ऐसा ही चलता रहा तो कहीं उनकी मौत भी यहां न हो जाये। वहीं मंडी बोर्ड के सचिव राम कुमार का कहना है कि कल दोनों खरीद एजेंसियों के अधिकारी मंडी आये थे लेकिन न ही किसानों और न ही मंडी आढ़तियों ने पैडी बेची।क्योंकि अभी किसान भी आंदोलन में व्यस्त है। जल्द ही उनसे बात करके धान की खरीद शुरू की जाएगी।