भारत की हैडबाल टीम के खिलाडी नवीन में एक साथ है कई खूबिया...

हिसार के लाडवा गांव के नवीन पूनिया आज हैडबाल खेल में इडिया टीम के खिलाडी है व हरियाणी सिंगर है और सबसे बडी बात नवीन पूनिया भारत देश की रक्षा करने वाली भारतीय सैना में हवलदार जवान है। एक साथ ऐसी खुबिया बहुत कम ही लोगों में मिलती है। खेलों में नवीन पूनिया ने राष्ट्रीय अतंराष्ट्रीय हैडबाल खेलों में अपनी धाक जमाई है।

भारत की हैडबाल टीम के खिलाडी नवीन में एक साथ है कई खूबिया...

हिसार (प्रवीण कुमार) || हिसार के लाडवा गांव के नवीन पूनिया आज हैडबाल खेल में इडिया टीम के खिलाडी है व हरियाणी सिंगर है  और सबसे बडी बात नवीन पूनिया भारत देश की रक्षा करने वाली भारतीय सैना में हवलदार जवान है। एक साथ ऐसी खुबिया बहुत कम ही लोगों में मिलती है। खेलों में नवीन पूनिया ने राष्ट्रीय अतंराष्ट्रीय हैडबाल खेलों में अपनी धाक जमाई है। हरियाणवी सिंगर में फोजी जवान किसान सहित अन्य पर गाने मार्किट में आ चुके है जो लाखों लोगों ने पंसद की है कविताओं गानें  के माध्यम से किसानों के दुखो दर्द बया किया है। आजकल नवीन इंडियन आर्मी में 7 मैकेनाइज में हवलदार के पद पर तैनात हैं और भारतीय आर्मी की रेड टीम में कोच विनोद और अरुण सैनी के दिशा निर्देशन में अभ्यास कर रहे हैं । नवीन का सपना 2022 में होने वाला एशियन गेम्स में  भारतीय टीम को स्वर्ण पदक दिलाना है। नवीन ने कहा कि उनकी कामयाबी के पिता माता पिता और कोच जिन्होंने हमेशा उनकी मदद की।

अतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडी नवीन पूनिया ने बताया कि उसका जन्म लाडवा में गरीब परिवार में जन्म हुआ माता पिता ने जीवन में बहुत सघर्ष किया और आज भी उनके पिता खेती करते है। उन्होंने बताया कि  नवीन पुनिया की जो कि आज इंडियन टीम के हैंडबॉल प्लेयर हैं साल 2004 मे कोच जय भगवान पान्नू के पास महावीर पूनियां अशोक पूनियां संदीप पूनियां  हरीश पूनियां  के साथ खेलना  शरू किया । नवीन के हौसले बुलंद पे और उन्होंने हार नहीं मानी फिर उन्होंने 2007 मे   हिसार साई  कोच आर एस चहल  व सतपाल  ढांडा  के पास खेलना शुरू किया  । सरकारी स्कूल के छात्र नवीन पुनिया का सफर बहुत ही मेहनत वाला रहा। हैडवाल खेल में काफी तरक्की की खेलो में राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय स्तर अपना नाम कामया। उसने बताया कि अब तक 12 बार राष्ट्रीय स्तर 2 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुका है। नवीन ने बताया कि बचपन में स्पोट्र्स शूज नहीं होने के बावजूद भी इन्होंने प्रैक्टिस स्टार्ट रखी और लगातार खेलने जाते रहे नवीन के पापा श्री राम कुमार जो कि एक ड्राइवर थे और इतने पैसे कमा पाते कि जिससे घर का गुजारा बड़ी मुश्किल से चलता था । नवीन ने बताया कि 2006 में पहली बार अंडर 17 में नवीन ने स्कूल नेशनल खेला और सफऱ जारी रखते हुए 2007 में जूनियर नेशनल में कांस्य पदक प्राप्त किया 2008 में ऑल इंडिया में सिल्वर पदक केयूके यूनिवर्सिटी की ओर से खेलते हुए जीता मगर नवीन कहां रुकने वाले थे 2009 में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल हासिल किया और इसी आधार पर खेल कोटे से नवीन को भारतीय सेना में 2010 में नौकरी मिल गई और 2012 में पहली बार भारतीय आर्मी की रेड टीम का हिस्सा बने ओर टीम को गोल्ड मेडल दिलाया । 2012 में ही नेशनल में मध्यप्रदेश की ओर से खेलते हुए उस टीम का प्रतिनिधित्व किया । 2013 में फेडरेशन कप में सिल्वर मेडल ए 2014 में सीनियर नेशनल में ब्राउंस मेडल 2015 में सीनियर नेशनल में गोल्ड मेडलए 2016 में सिल्वर और 2018 में फिर ब्रोंज मेडल जीता ।

इसी दौरान 2018 में नवीन पुनिया पहली बार इंडियन टीम का हिस्सा बने। 18 वीं एशियन गेम इंडोनेशिया में खेलते हुए नवीन पूनिया ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इसी गेम के दौरान इंडिया की तरफ से मैच खेलते हुए नवीन ने आखिर के 10 सेकंड में गोल किया और भारत के हिस्से में जीत दिलाई । हाल ही में हुए साउथ एशियन गेम में भारत के लिए रजत पदक जीता । लॉक डाउन की वजह से घर पर ही प्रेक्टिश कर रहा ह नवीन पूनियां ने कहा कि आज हमारा देश ऐसे दुश्मन से लड़ रही हैं जिसको ना कोई देख सकता है और आज भी जिसे पूरी दुनियां समझने की कोशिश कर रही है।सरकार जो भी दिशा निर्देश दे रही है उनका पालन करे जब भी घर से बहार निकले मास्क का प्रयोग करे घर पर ही रहे जरूरी काम के लिए ही बाहर निकले स्टेनजेर से हाथ धोवे व पर्सनल डिस्टनसिंग को ध्यान रखे घर पर ही वर्कऑउट करें। नवीन पूनिया अच्छे खिलाडी होने के साथ अच्छे हरियाणवी गायक कार है उनके गाने हिट हुए ् एक डयूटी सरकारी  एक घर में दिल में प्यारी फर्ज तै दूर क्यूकर जाए भूल व क्यूकर जाए मेरा तोड का न दिलए तैने के मिल गयाए मेरी उजडा चमन तेरा खिल गया सहित अन्य गाने गाए है। उन्होंने किसानों के दर्द पर कविता लिखी है जो ने बहुत पंसद की है।

नवीन के पिता रामकुमार व माता गीता कहना है नवीन भविष्य मे आगे बढे और देश का नाम रोशन करे। उन्होने बताया कि जीवन में बहुत संघर्ष किया नवीन को हर तरफ से स्टोप किया। पिता ने बताया कि ड्राईवर रहते बच्चों को पढाया लिया उन्हे्ं कामयाब किया। नवीन की माता बताया कि उनका यही सपना था कि उनका बेटा कामयाब हो हम उसकी तरक्की मे ंसाथ है।