सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के समर्थन में वकीलों ने किया प्रदर्शन...

- फतेहाबाद बार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के समर्थन में कोर्ट परिसर में किया प्रदर्शन, अदालत की अवमानना के केस में सजा दिए जाने के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट करते हुए जिला न्यायालय में वकीलों ने प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया, प्रदर्शन की अध्यक्षता सीनियर वकील देवी लाल ने की व संचालन सीता राम बेनीवाल ने की |

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के समर्थन में वकीलों ने किया प्रदर्शन...

फतेहाबाद (सतीश खटक) || फतेहाबाद बार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के समर्थन में कोर्ट परिसर में किया प्रदर्शन, अदालत की अवमानना के केस में सजा दिए जाने के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट करते हुए जिला न्यायालय में वकीलों ने प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया, प्रदर्शन की अध्यक्षता सीनियर वकील देवी लाल ने की व संचालन सीता राम बेनीवाल ने की, प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुये अधिवक्ताओं ने एडवोकेट प्रशान्त भूषण को दोषी करार देना सविंधान की मूल भावना व उसके प्रावधानो के खिलाफ बताया |

वक्ताओं ने कहा कि हमारा सविंधान प्रत्येक व्यक्ति को विचार व्यक्त करने की आजादी प्रदान करता है, प्रशान्त भूषण एडवोकेट द्वारा ट्वीटर पर दिये गये कोमेन्ट अवमानना का कारण कानूनी रूप से नही बन सकते है, एडवोकेट भूषण द्वारा कमेंट के माध्यम से उठाये गये मुददे आम जनता को हो रही परेशानी से सम्बन्धित है व लॉकडाउन के समय सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता न होने से सम्बन्धित है, जो किसी भी तरीके से अवमानना का कारण नही बन सकते, वकीलो ने प्रशान्त भूषण ऐडवोकेट के साथ अपनी एकजुटता प्रकट की व माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि इस मामले में दखल देकर इसका सही तरीके से निपटारा किया जाये, वक्ताओं ने ये भी अनुरोध किया कि बार काउसंल आफ इण्डिया के पदाअधिकारी व सुप्रीम कोर्ट के जज साहिबान इस मामले का मिल बैठकर सुलझाऐ,।

फतेहाबाद  बार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के समर्थन में, अदालत की अवमानना के केस में सजा दिए जाने के खिलाफ अपनी एकजुटता प्रकट करते हुए  जिला न्यायालय में प्रदर्शन कर विरोध प्रकट किया। प्रदर्शन की अद्यक्षता सीनियर वकील देवी लाल ने की व संचालन सीता राम बेनीवाल ने की। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुये अधिवक्ताओं ने ऐडवोकेट प्रशान्त भूषण को दोषी करार देना सविंधान की मूल भावना व उसके प्रावधानो के खिलाफ बताया। वक्ताओं ने कहा कि हमारा सविंधान प्रत्येक व्यक्ति को विचार व्यक्त करने की आजादी प्रदान करता है। प्रशान्त भूषण ऐडवोकेट द्वारा टवीटर पर दिये गये कोमेन्ट अवमानना का कारण कानूनी रूप से नही बन सकते है। श्री भूषण द्वारा कोमेटं के माध्यम से उठाये गये मुददे आम जनता को हो रही परेशानी से सम्बन्धित है, व लोकडाउन के समय सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता न होने से सम्बन्धित है जोकि किसी भी तरीके से अवमानना का कारण नही बन सकते। वकीलो ने श्री प्रशान्त भूषण ऐडवोकेट के साथ अपनी एकजुटता प्रकट की व माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि इस मामले में दखल देकर इसका सही तरीके से निपटारा किया जाये, वक्ताओं ने ये भी अनुरोध किया कि बार काउसंल आफ इण्डिया के पदाअधिकारी व सुप्रीम कोर्ट के जज साहिबान इस मामले का मिल बैठकर सुलझाऐ।