हिसार में कामरेडों ने फूंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला...

हिसार के लघुसचिवालय के उपयुक्त कार्यालय पर केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली दंगो कि आड़ में विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करने के विरोद में देश के प्रधान मंत्री मोदी का पुतला फूंक कर रोष प्रदर्शन किया।

हिसार में कामरेडों ने फूंका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला...

हिसार (प्रवीण कुमार) || हिसार के लघुसचिवालय के उपयुक्त कार्यालय पर केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली दंगो कि आड़ में विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करने के विरोद में देश के प्रधान मंत्री मोदी का पुतला फूंक कर रोष प्रदर्शन किया। कामरेड नेताओं का कहना था कि कोरोना का बहाना बनाकर कर मजदूर किसान कर्मचारी विरोधी कानून बनाने के विरोध में तथा सभी गरीब लोगों को 10 किलो अनाज प्रति महीना देने के माल में गैर आयकर दाता परिवार को 7500 रुपये हर महीने देने और नरेगा का काम 200 दिन करने के विरोध में वामपंथी पार्टियों द्वारा केंद्र सरकार का पुतला फूंका गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कामरेड सुरेश कुमार और कामरेड रूप सिंह ने संयुक्त रूप से की।

कामरेड सुरेश कुमार ने कि कहा कि आज का दिन लोकतंत्र की रक्षा में और दमन विरोधी दिवस के रूप में पुरे देश में मनाया जा रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार कानून व्यवस्था की मशीनरी का घोर दुरुपयोग करते हुए चुन. चुन कर लक्ष्तित तरह से पक्षपाती और प्रतिशोधी इरादों से राजनीतिक विरोधियों को झूठे मुकदमों में फंसा रही है। पहले भीमांकोरेगांव मामले में ऐसा किया गया अब दिल्ली हिंसा के मामले में असली मुजरिमों को तो बचाया जा रहा है और निर्दोषों को जिन्होंने सीएएएएनआरसी और एनपीआर के खिलाफ आंदोलन में नेतृत्वकारी भूमिका अदा की या उसमें बढ़ चढ़ कर भाग लिया उन्हीं को दिल्ली हिंसा के आरोपी अथवा साजिशकर्ता बता संगीन धाराओं में और यूएपीए जैसे काले कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही हैं। सरकार से असहमति रखने वाले तथा विपक्षी नेताओंए बुद्धिजीवियोंए मानवाधिकार कार्यकर्ताओंए सामाजिक कार्यकर्ताओं इत्यादि के खिलाफ प्रतिशोधी दमनात्मक कार्यवाहियां न सिर्फ अलोकतांत्रिक हैं बल्कि असंवैधानिक भी हैं जिनका डटकर विरोध करना जरूरी है।

कर्मचारी संगठन पूर्व अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार का रुख भी दमनात्मक बना हुआ है हाल में किसानों पर लाठीचार्ज और केस दर्ज करने के अलावा आशा युनियन कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी इस प्रकार की कार्यवाही की गई हैं।कोविड की आड़ में धरना प्रदर्शन के जनतांत्रिक अधिकारों का दमन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वामपंथी और जनतांत्रिक शक्तियां तमाम तरह के दमन का मुकाबला करने को तैयार है।