फतेहाबाद में देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पर सीएम फ्लाइंग की छापामारी...

देसी घी बनाने वाली फैक्टरी पर सीएम फ्लाईंग की छापामारी, एक्सपायर हो चुके फूड सेफ्टी लाईंसेस पर चल रहा था गोरखधंधा, सिरसा रोड़ पर चलाई जा रही थी फैक्टरी, फैक्टरी संचालक के पास था री पैकिंग का लाईसेंस वह भी हो चुका था एक्सपायर, बड़ी मात्रा में तैयार घी और करीब ७०० किलो रिफाईंड और अन्य सामान किया गया है बरामद, बरामद घी, रिफाईंड और अन्य सामान को जांच के लिए भेजा गया लैब, तमाम नियमों की उल्लंघना कर चलाई जा रही थी फैक्टरी

फतेहाबाद में देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पर सीएम फ्लाइंग की छापामारी...

फतेहाबाद (सतीश खटक) || सीएम फ्लाईंग की टीम ने फतेहाबाद में देसी घी बनाने वाली एक फैक्टरी पर बीती देर रात को छापा मार। टीम ने इस फैक्टरी से बड़ी मात्रा में तैयार घी, रिफाईंड ऑयल, वनस्पति ऑयल, केमिकल तथा देसी घी की गंध देने वाला केमिकल भी बरामद किया है। इसके साथ ही टीम ने हजारों की संख्या में विभिन्न मार्कों के खाली डिब्बे, रेपर और केन बरामद किए हैं |

जिनमें घी को पैक कर अलग अलग नाम से बाजार में बेचा जाता था। फूड सेफ्टी विभाग के इंंस्पेक्टर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सीएम फ्लाईंग टीम, फूड सेफ्टी विभाग, स्थानीय पुलिस और फूड एंड सप्लाई विभाग ने संयुक्त रूप से इस फैक्टरी पर कार्रवाई करते हुए यहां बड़ी अनियमितताएं पकड़ी हैं। उन्होंने बताया कि फैक्टरी संचालक के पास फैक्टरी चलाने और घी बनाने का लाईसेंस ही नहीं थी बल्कि उसके पास रिपैकिंग का एक लाईसेंस था जोकि बहुत पहले ही एक्सपायर हो चुका था, लेकिन नियमों को ताक पर रख कर लंबे समय से यहां फैक्टरी चलाई जा रही थी।

फैक्टरी में बनाया जा रहा था घी नकली थी या निम्न दर्जे का था इसकी जांच के लिए विभाग की टीम ने फैक्टरी से सभी पदार्थों के नमूने ले लिए हैं और उन्हें जांच के लिए भेज दिया है। सीएम फ्लाईंग की टीम ने फैक्टरी से बरामद पूरा सामान अपने कब्जे ले लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। सीएम फ्लाईंग की टीम द्वारा इलाके में छापामार कार्रवाई कर देसी घी की फैक्टरी को पकडऩा इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं एक सवाल भी खड़ा हो रहा है कि अगर फैक्टरी लंबे समय से यहां चल रही थी और सभी नियमों को ताक पर रखा जा रहा था, तो ऐसे में स्थानीय प्रशासन को पहले जानकारी नहीं मिल पाई, अगर प्रशासन के पास जानकारी थी तो, पहले कार्रवाई क्यूं नहीं हुई।